Chaiti Chhath 2024 : चैती छठ या छोटा छठ गर्मी के मौसम (मार्च-अप्रैल) में, होली त्योहार के कुछ दिन बाद, चैत्र षष्ठी को मनाया जाता है। चूंकि यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार “चैत्र” महीने में मनाया जाता है, इसलिए इसे चैती छठ कहा जाता है।
कार्तिक छठ की तरह ही यह त्योहार भी चार दिनों तक मनाया जाता है जिसमें- नहा खाय, खरना, संझिया/ संध्या घाट और भोरवा घाट या पारन छठ शामिल है। छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है नहाना और खाना। इस दिन, व्रती या भक्त गंगा नदी में पवित्र स्नान या स्नान करते हैं और सांसारिक चीजों से आत्म-प्रतिरोध का मार्ग अपनाते हैं। इस दिन जो महिलाएं व्रत रखती हैं, वे पूरे दिन में केवल एक ही भोजन लेती हैं, मुख्य रूप से दाल के साथ कद्दू भात (केवल चना या मूंग दाल)। भोजन मिट्टी या कांसे के बर्तन में ही बनाया जाता है।
Chaiti Chhath 2024 : तारीख और समय
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Chaiti Chhath 2024 : आज 14 अप्रैल रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे। आज भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ समय शाम 5 बजे से लेकर 5 बजे तक 20 मिनट तक है। इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर या सामूहिक के चूल्हे पर छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता है। छठी मइया के प्रसाद में रावण ठेकुआ तैयार किया जाता है. इसके साथ ही चमत्कारी फल का दौरा भी तैयार किया जाता है। शाम होते ही छठ व्रती पूरे परिवार के साथ छठ घाट पर व्रत करती हैं और छठी मइया की विधि-विधान से पूजा कर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं।
तारीख | दिन | पर्व | तिथि |
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12 अप्रैल 2024 | शुक्रवार | नहाय-खाय | चतुर्थी |
13 अप्रैल 2024 | शनिवार | लोहंडा और खरना | पंचमी |
14 अप्रैल 2024 | रविवार | संध्या अर्ध्य | षष्ठी |
15 अप्रैल 2024 | सोमवार | उषा अर्घ्य, पारण का दिन | सप्तमी |
Chaiti Chhath 2024 : महत्त्व
Chaiti Chhath 2024 :चैती छठ या छोटा छठ गर्मी के मौसम (मार्च-अप्रैल) में, होली त्योहार के कुछ दिन बाद, चैत्र षष्ठी को मनाया जाता है। चूंकि यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार “चैत्र” महीने में मनाया जाता है, इसलिए इसे चैती छठ कहा जाता है।
इस दिन यमुना देवी पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। मान्यता है कि चैती छठ की पूजा अर्चना करने से छठी माता की कृपा बनी रहती है और संतान को आरोग्य, बल और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। वहीं सूर्यदेव के आशीर्वाद से जीवन में ऊर्जा और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Chaiti Chhath 2024 : छठ पूजा पूजा के नियम
- छठ पर्व को कुमार व्रत भी कहा जाता है। कुमार भगवान कार्तिकेय को कहते हैं। चैती छठ पर अगर भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है। साथ ही दान से सुख और आरोग्य जीवन भी मिलता है। चैती छठ व्रत पर भगवान कार्तिकेय की पूजा जरूर करें।
- चैती छठ पर हमेशा स्नान-दान के बाद ही नहाय-खाय की शुरुआत की जाती है। खाने से पहले भगवान सूर्यदेव और छठ मैय्या का ध्यान जरूर करना चाहिए।
- छठ पूजा के दौरान किसी भी बर्तन या फिर पूजा सामग्री को झूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। हर बार हाथ को धोने के बाद ही पूजा में प्रयोग होने वाली चीजों को छूना चाहिए।
- छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का भी ध्यान रखना चाहिए। फल-फूल आदि खंडित नहीं होने चाहिए। प्रसाद की सामग्री को हमेशा अलग स्थान पर रखें।
- छठ पूजा के दौरान जमीन पर आसन बिछाकर ही सोएं। यह भी छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण नियम माना जाता है।
- आप जिस भी बर्तन में छठ पूजा का सामान रखें, वे नए होने चाहिए। पुराने बर्तनों में छठ पूजा का सामान नहीं रख जाना चाहिए। खासतौर पर जिन बर्तनों में आप खाना खाते हैं, उन बर्तनों का इस्तेमाल पूजा में न करें।
Chaiti Chhath 2024 date
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आज 14 अप्रैल रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे। आज भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ समय शाम 5 बजे से लेकर 5 बजे तक 20 मिनट तक है
Chaiti Chhath 2024 Puja kaise karein
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इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर या सामूहिक के चूल्हे पर छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता है। छठी मइया के प्रसाद में रावण ठेकुआ तैयार किया जाता है