Gudi Padwa 2024 के दिन ही चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ होता है जो हिन्दू नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस साल हिन्दू और मराठी नव वर्ष के मौके पर 30 साला बाद शुभ और दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वाथ सिद्धि योग एक साथ आ रहे हैं और इसके अलावा, गुड़ी पड़वा के दिन ही चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ होता है जो हिन्दू नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शश राजयोग का भी निर्माण हो रहा है जो धन-संपदा के लिए जाना जाता है। जाने इस त्यौहार की विशेस्ताएं और पूजा विधि
Gudi Padwa 2024 : पूजा मुहूर्त
Gudi Padwa 2024 : गुड़ी पड़वा की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे से शुरू होगी और प्रतिपदा तिथि 09 अप्रैल 2024 को शाम 08:30 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के हिसाब से गुड़ी पड़वा का पर्व 9 अप्रैल को ही मनाया जाएगा.
Gudi Padwa 2024 : गुड़ी पड़वा का महत्व
Gudi Padwa 2024 : पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा का दिन सृष्टि की रचना के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था. इसलिए इस दिन भगवान ब्रह्मा की पूजा का विशेष महत्व है. इसके अलावा एक और मान्यता है कि इस दिन ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी घुसपैठियों को युद्ध में पराजित किया था. कहते हैं कि गुड़ी पड़वा के दिन बुराइयों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रामायण काल में दक्षिण भारत में जब सुग्रीव के बड़े भाई बाली का अत्याचारी शासन था और जब सीता माता की खोज के दौरान श्री राम की मुलाकात सुग्रीव से हुई तो उन्होंने बाली के अत्याचारों की जानकारी मिली. तब भगवान राम ने बाली का वध करके वहां की प्रजा को अत्याचार से मुक्ति दिलाई. उस दिन गुड़ी पड़वा का ही दिन था.
Gudi Padwa 2024 : गुड़ी पड़वा कैसे मनायें
- गुड़ी पड़वा पर्व के चलते प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाएं
- सूर्योदय के 5 से 10 मिनट के अंदर ध्वज “गुड़ी” फहराएं और उसकी पूजा करें.
- अपने घर के मुख्य द्वार पर गुड़ी फहराएं. गुड़ी को अपने मुख्य द्वार के दाहिनी ओर रखें, जो आपकी आत्मा का सक्रिय भाग माना जाता है।
- गुड़ी पर लाल फूल और आम के पेड़ की टहनियों के साथ पीले रेशम का श्रृंगार करें
- हल्दी पाउडर और सिन्दूर से शुभ स्वास्तिक का निशान बनाएं।
- गुड़ी पड़वा उत्सव के दौरान मोमबत्तियां जलाएं.
- अगले दिन गुड़ी के शीर्ष पर बांस की बल्लियां रखकर तांबे के लोटे का जल पिएं. चूंकि ऐसा माना जाता है कि गुड़ी पड़वा-मराठी नववर्ष के दिन सूर्य का आंतरिक भाग अत्यधिक सक्रिय हो जाता है। सूर्योदय के समय आवृत्तियों के माध्यम से प्रसारित दिव्य चेतना, दिन भर लंबे समय तक बनी रहती है। यह व्यक्ति की कोशिकाओं में संग्रहित होता है और बाद में इसका सेवन किया जाता है।
- जरूरतमंद लोगों को पानी पिलाएं.
Gudi Padwa 2024 : गुड़ी पड़वा क्यूं मनाया जाता है
Gudi Padwa 2024 : ऐसा माना जाता है कि हमारे ब्रह्मांड का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने गुड़ी पड़वा उत्सव के शुभ अवसर पर किया था, जो सर्दियों के अंत और गर्मियों के आगमन का संकेत देता है। उस दिन को प्राचीन भारत में विजयी दिन माना जाता है जब सातवाहन राजा गौतमीपुत्र शातकर्णी ने शकों को हराया था। महाराष्ट्र में कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की जीत की याद में भी झंडा फहराते हैं। गुड़ी पड़वा-मराठी नव वर्ष सर्दियों की फसल के मौसम के अंत और गर्मियों की फसल के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है। विशेष रूप से महाराष्ट्र में किसान साल भर अच्छी फसल सुनिश्चित करने के लिए गुड़ी पड़वा-मराठी नव वर्ष के इस शुभ दिन पर अपनी कृषि भूमि की जुताई करते हैं। गुड़ी पड़वा उत्सव-मराठी नव वर्ष लाभ ऐसा माना जाता है कि गुड़ी फहराने से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है. ऐसा माना जाता है कि गुड़ी पड़वा उत्सव-मराठी नववर्ष पर नीम की पत्तियां रक्त को शुद्ध करती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। यह प्राकृतिक ताजगी लाता है और आपकी त्वचा को पोषण देता है जिससे स्वस्थ चमक बढ़ती है। आप स्वच्छ और पवित्र आत्मा के साथ अपनी पुरुष चेतना को सशक्त कर सकते हैं। मराठी नववर्ष पर गुड़ी पड़वा उत्सव नए उद्यम शुरू करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। गुड़ी पड़वा उत्सव के दौरान यदि आप कोई नया काम करते हैं या अपने घर में किसी नए फर्नीचर का स्वागत करते हैं या किसी विशेष फंड में निवेश करते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि इससे आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। यह किसानों के लिए एक महान दिन है क्योंकि गुड़ी पड़वा उत्सव को फसल का त्योहार माना जाता है। इसलिए, यदि आप नए मौसमी फल और सब्जियां खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो तुरंत खरीदें। यह आपको अच्छा स्वास्थ्य देगा
Gudi Padwa 2024 : पूजा मुहूर्त
गुड़ी पड़वा की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे से शुरू होगी और प्रतिपदा तिथि 09 अप्रैल 2024 को शाम 08:30 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के हिसाब से गुड़ी पड़वा का पर्व 9 अप्रैल को ही मनाया जाएगा.